पूज्य परम संत गुरबक्श सिंह जी (मैनेजर साहिब ) व पूज्य परम संत बहादुरचंद (वकील साहिब) जी की बरसी के भंडारे पर बड़ी संख्या में जुटे श्रद्धालु
जगमालवाली /अखंड लोक (देव शर्मा)
मस्ताना शाह ब्लोचिस्तानी आश्रम डेरा जगमालवाली के संत बिरेन्द्र सिंह जी ने सिमरन क्लास को 60 घंटे से बढ़ाकर 85 घंटे कर दिया। संत 29 जुलाई, रात 10 बजे से सिमरन पर बैठे रहे, क्लास का समापन 02 अगस्त को सुबह 11 बजे किया ।
सतगुरु की प्राप्ति के लिए आत्मा को परमात्मा से मिलाना ही सिमरन क्लास (ध्यान) का उद्देश्य माना जाता है | चौरासी के चक्कर से आजाद होकर सिमरन करना ही असली कमाई माना गया है । डेरा जगमालवाली की स्थापना 18 फरबरी 1966 को हुई थी, तभी से यहाँ के अनुयाई सिमरन क्लास (मैडिटेशन) करते आ रहे हैं । पूज्य परम संत मैनेजर साहिब जी सत्संग में फ़रमाते थे कि भौतिक चीज़ें यहीं रह जानी है, नाम की कमाई ही साथ जायेगी और पूज्य परम संत वकील साहिब जी फ़रमाते थे कि “ सिमरन ही साथ जायेगा ”। पूज्य वकील साहिब जी कहते थे की अगर तुम सिमरन छोड़ कर कुछ भी कर रहे हो तो , वह केवल सांसारिक है । पूज्य वकील साहिब जी कहते थे कि ये देश माया का है | असली माया तो नाम की माया है , जो हमारे साथ आगे जाएगी । संत बिरेन्द्र सिंह जी भी फ़रमाते है कि “सिमरन करने से ही अन्दर उजाला आएगा , ख़ुशी होगी और ये जन्मों जन्मों के कर्मों की मैल साफ़ होगी | सब रोगों का इलाज सिमरन ही है |
डेरे में पूज्य परम संत गुरबक्श सिंह जी (मैनेजर साहिब ) व पूज्य परम संत बहादुरचंद (वकील साहिब) जी की बरसी का भंडारा डेरा जगमालवाली में 2 अगस्त व 3 अगस्त को मनाया गया | इस मौके संत बिरेन्द्र सिंह जी ने सत्संग फरमाया, जिसमे हरियाण, पंजाब,राजस्थान,दिल्ली, उत्तरप्रदेश व अन्य राज्यों से श्रद्धालु आए व उनके द्वारा सत्संग का लाभ उठाया |
