हिंदू तख्त की पहल : भाईचारे और एकता का प्रतीक

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पंचकूला / अखंड लोक (देव शर्मा)आज पंचकूला स्थित टिंकरबेल स्कूल में हिंदू तख्त की ओर से उठाई गई नई पहल हिंदू समाज के संगठन और आपसी भाईचारे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। इस पहल का उद्देश्य केवल हिंदू संगठनों को एक मंच पर लाना ही नहीं, बल्कि समाज में आपसी सद्भाव, सहयोग और समर्पण की भावना को मजबूत करना भी है। साधु-संत समाज ने भी इसे एक सराहनीय और सहनीय पहल बताया है, जिससे भविष्य में हिंदू समाज के भीतर और अधिक एकजुटता देखने को मिलेगी।

हाल ही में हिंदू तख्त के मंच पर छोटू नाथ योगी महाराज धर्माधीश और साधु-संत समाज की ओर से सुमित कुमार को पंजाब और हरियाणा का मीडिया एडवाइजर घोषित किया गया। इस अवसर पर उन्हें सम्मान स्वरूप तलवार भेंट की गई और पटका डालकर अभिनंदन किया गया। इस सम्मान से न केवल सुमित कुमार का मनोबल बढ़ा, बल्कि हिंदू तख्त के कार्यों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। यह सम्मान इस बात का प्रतीक है कि संगठन अपने सहयोगियों को महत्व देता है और उन्हें कार्य के प्रति प्रेरित करता है।

साधु-संत समाज ने इस अवसर पर स्पष्ट संदेश दिया कि हिंदू समाज की एकता और हिंदू राष्ट्र की अवधारणा के लिए वे हमेशा अग्रणी भूमिका निभाएंगे। उनका कहना था कि जब भी समाज पर कोई आपदा आती है या हिंदू राष्ट्र की गरिमा पर कोई संकट आता है, तो सबसे पहले साधु-संत समाज ही आगे खड़ा होगा। साधुओं ने संकल्प लिया कि हिंदू राष्ट्र के प्रचार-प्रसार के लिए हर गली, हर मोहल्ले और हर गाँव-शहर तक पहुंच बनाई जाएगी। उनका उद्देश्य केवल धार्मिक प्रचार तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग को जोड़कर एक सामूहिक शक्ति का निर्माण करना है।

छोटू नाथ योगी महाराज ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि अलग-अलग जिलों से आए साधु-महात्माओं का मैं हृदय से धन्यवाद करता हूँ, जो इस कार्यक्रम का हिस्सा बने और एकजुटता का संदेश दिया। उनका कहना था कि हिंदू तख्त के कार्य केवल किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि पूरे राष्ट्र में समाज को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

यह पहल समाज में संगठन की महत्ता को उजागर करती है। जब सभी संगठन, संत-महात्मा और समाज के जागरूक नागरिक मिलकर कार्य करेंगे, तभी हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना को साकार किया जा सकेगा। भाईचारे की यह भावना समाज में प्रेम, सहयोग और आपसी सम्मान को जन्म देगी। इससे न केवल समाज आंतरिक रूप से मजबूत होगा, बल्कि बाहरी चुनौतियों का सामना करने में भी सक्षम बनेगा।

हिंदू तख्त की इस नई दिशा से स्पष्ट होता है कि संगठन केवल धार्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि समाज सेवा, शिक्षा, जागरूकता और सामाजिक समरसता की दिशा में भी कार्य करेगा। साधु-संतों का यह सामूहिक संदेश आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणादायी रहेगा।

अंततः कहा जा सकता है कि हिंदू तख्त की पहल समाज को संगठित करने और भाईचारे को मजबूत करने का प्रतीक है। साधु-संतों का आशीर्वाद और समाज के युवाओं की सक्रिय भागीदारी इस आंदोलन को और भी बल प्रदान करेगी। यही सामूहिक प्रयास भविष्य में हिंदू राष्ट्र की नींव को और मजबूत करेगा।

Akhand Lok
Author: Akhand Lok

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