रजिस्ट्री रिकॉर्ड छेडछाड मामले में जीरकपुर पुलिस ने दो के खिलाफ किया मामला दर्ज

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(आरोपी सुरिंदर सिंह की प्रोफाइल फोटो👆)

– नायब तहसीलदार एक ऐसा ओहदा है जिसपे फ़ाइल पूरी चेक होके जाती है लेकिन किस तरह जो पेपर गलत लग के इस तरह की चीटिंग हो जाती है पटवारी की भूमिका भी पूरी तरह संदिग्ध है लापरवाही का पर्दा डाल के पूरा किया गया काम बहुत शातिर तरीके से किया गया जिसका पता भी जल्दी नहीं लगा.
– फर्द की छानबीन करने के बाद मामला हुआ उजागर

जीरकपुर, अखंड लोक, मुक्ति शर्मा
रजिस्ट्री के रिकॉर्ड में छेडछाड करने के मामले में जीरकपुर पुलिस ने दो के खिलाफ मामला दर्ज किया हैं। हालांकि यह पूरा कारनामा पहली बार नहीं हुआ लेकिन चिंता का विषय ये है,की सरकार और आम आदमी पूरी तरह जुटे हुई एक साफ सुथरा सिस्टम बनाने मे लेकिन इस मामले को देख कर लगता है सामाजिक सिस्टम गलत अंजाम तक जाने मे जल्दी करता है तभी फर्द की छानबीन के दौरान यह पूरा मामला उजागर हुआ है।
बता दें कि मामला यह कि संजीव कुमार पुत्र दिलबाग सिंह निवासी गांव धरमगढ़ डेराबस्सी ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाते हुए बताया कि उसने वर्ष 2019 में जरनैल एनक्लेव फेस-2 प्रभात में एक अधूरा मकान खरीदा था जो अनीता देवी पत्नी स्वर्गीय तुलसीराम निवासी मकान नंबर-11, सेक्टर 32-सी, चंडीगढ़, के नाम पर था। उसने बताया कि 16 अप्रैल 2019 को उसने इस मकान का बयाना संजीव कुमार पुत्र दिलबाग सिंह एवं सुरिंदर सिंह पुत्र रघुवीर सिंह निवासी मकान नंबर 91, वार्ड नंबर 3, गाजीपुर जट्टां, ढकोली, जीरकपुर के नाम पर बराबर हिस्से में किया गया था। जबकि इस संपत्ति पर पहले से ही 25 सितंबर 2019 को एडिशनल सिविल जज चंडीगढ़ ने तुलसी राम पुत्र मंगल चंद के पक्ष में स्टे ऑर्डर कर दिया था। इसके बावजूद 18 अक्टूबर 2019 को इसकी रजिस्ट्री करवाने की अंतिम तिथि 5 अप्रैल 2020 तय की गई थी। लेकिन मामला यह था कि पहली पार्टी अदालत के सभी मामलों को निपटाकर रजिस्ट्री करवाने के लिए जिम्मेदार होगी। लेकिन लापरवाही से मामला को कुछ और ही मोड दे दिया गया।
जब संजीव को इस छेडछाड के बारे में पता चला तो सुरिंदर सिंह ने इस अधूरी संपत्ति के तीन हिस्सों की रजिस्ट्री गलत तरीके से करवाई। जबकि न्यायालय में केस विचाराधीन होने के बावजूद रजिस्ट्री करवा ली गई। जिससे तो यह साफ होता है कि इस रजिस्ट्री में गलत फर्द का उपयोग कर स्टे ऑर्डर को रिकॉर्ड से हटा दिया गया और सुरिंदर सिंह के नाम पर संपत्ति दर्ज करवा दी गई। संजीव कुमार ने पुलिस को बताया कि जब मैंने उक्त मकान पर जाकर देखा तो वहां ताला लगा हुआ था। इसके बाद जब रिकॉर्ड रूम से फर्द निकलवाई गई तो उसमें स्टे आर्डर था। स्टे आर्डर होने के बावजूद जीरकपुर तहसील मे रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करते हुए इस प्लांट की रजिस्ट्री सुरिंदर सिंह के नाम की गई।
संजीव कुमार की शिकायत मकान बेचने वाली मकान की मालकिन अनीता के लड़के दीपांकर के आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर उसकी उम्र भी ज्यादा दिखाई है। उसने मांग की है कि गलत तरीके से की गई रजिस्ट्री रद्द कि जाएं। मामले की पूरी जांच-पड़ताल के बाद जीरकपुर पुलिस ने सुरिंदर सिंह एवं अनीता देवी के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

Akhand Lok
Author: Akhand Lok

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