बेगुनाही साबित करने के लिए सीसीटीवी फुटेज न होती तो भरने पड़ते दो हजार रु
डेराबस्सी / अखंड लोक
ट्रैफिक पुलिस की ऑनलाइन चालान काटने की प्रणाली सवालों के घेरे में आ गई जब डेराबस्सी के एक युवक की एक्टिवा घर में खड़ी थी जबकि आधी रात को उसका चालान खरड़ में काट दिया गया। चालान में सिक्योरिटी नंबर न होने की एवज में दो रुपए की पेनल्टी भरने को कहा गया है। एक्टिवा मालिक निर्मलप्रीत सिंह का दावा है कि उसकी एक्टिवा न केवल सिक्योरिटी नंबर प्लेट से लैस है बल्कि चालान वाले दिन घर में ही खड़ी थी। इसकी उसके बकायदा घर की सीसीटीवी फुटेज भी है।
जानकारी देते हुए निर्मलप्रीत सिंह पुत्र अजमेर सिंह वासी गली नंबर सात, भगत सिंह नगर, डेराबस्सी ने बताया कि उसका कम्युनिकेशन सेंटर है। वहां एक शख्स अपना ऑनलाइन चालान चेक कराने आया था। उसका चालान बताने के बाद उसने भी चालान वाला पोर्टल चेक किया तो उसकी एक्टिवा का भी दो हजार रुपए का चालान देख वह हैरान हो गया। उससे भी अधिक हैरानी तब हुई जब चालान वाले समय व दिन उसकी एक्टिवा डेराबस्सी घर में थी जबकि चालान खरड़ में कटा था। चालान संख्या पीबी27649825022318606 दिनांक 23 फरवरी को आधी रात पूरे 12 बजे काटा गया है। चालान में ऑफेंस बताया गया है कि नंबर प्लेट सिक्योरिटी के तय मानकों के हिसाब से नहीं थी। इतना ही नहीं, ये नंबर रिकार्ड में 2017 से लगी हुई हैं। कोई यह भी नहीं कह सकता कि चालान के बाद में लगाई हैं। फिर भी दो हजार का चालान काट दिया गया। इस चालान की लोकेशन पीबी27 के कारण खरड़ की आ रही है परंतु खरड़ में कहां और किस लोकेशन पर काटा गया, यह नहीं बताया गया। न ही चालान में मौके पर खींची गई फोटो दिखाने का प्रावधान है। इस बारे कई बार प्रयास करने पर भी खरड़ ट्रैफिक इंचार्ज ओमबीर सिंह ने फोन नहीं उठाया। स्थानीय ट्रैफिक वालों का मानना है कि यह मानवीय गलती का नतीजा है जो नंबर भरने के दौरान हुई होगी। यहां सवाल है कि यदि निर्मलप्रीत के पास बेगुनाही साबित करने के लिए घर की सीसीटीवी फुटेज न होती तो क्या तब भी उसका जुर्माना माफ हो जाता? किसी भी बेगुनाह को इस हयूमन एरर का शिकार बनाकर उसे परेशानी में डाला जा सकता है जिसे दूर करने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिएं।
